prafull billore success story in hindi ||

 MBA chaiwala Biography in hindi  


MBA chai wala success strory




आज  हम इस आर्टिकल में जानेंगे एक ऐसे चायवाले के बारे में जिसने अपनी काबिलियत के 

दम पर लोगो को ये बताया की कोई भी काम छोटा या बड़ा नही होता  बस काम  करने का तरीका 

बड़ा होना  चाहिए   और इंसान की सोच बड़ी होनी चाहिए उसे सफल बनाने के लिए,  हम बात कर 

रहे है. .प्रफुल्ल  बिल्लोरे  की जो अपने फेमस नाम  MBA cahaiwala  के नाम से आज हर जगह 

लोकप्रिय है. MBA  chaiwala   यानि प्रफुल्ल आज हर नौजवान के लिए प्रेरणा बन रहे है. जो अपने 

लाइफ में बहुत कुछ करना चाहते है. पर उनके हौसले प्रफुल्ल जितने बुलंद .नहीं 



MBA  चाय वाले के नाम से महासुर प्रफुल्लन बिल्लौर का जन्म एक मिडिल क्लास परिवार में

साल 1996 में मध्यप्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। एक मिडिल क्लास फैमिली में जन्मे

प्रफुल्ल बिल्‍लौर उर्फ एमबीए चायवाला के पिंता चाहते थे कि उनका बेटा पढ़  लिखकर एक

अच्छी खासी नौकरी करे। 


और  प्रफुल्ल बिल्‍लोरे ने अपने पिता के कहने पर कैट ( CAT  ) तथा  MBA  में admission लेने 

के लिए  और भी परीक्षा की  तैयारी करने में जुट गए, लेकिन कई दिनों तक कड़ी मेहनत करने 

के बावजूद तीन बार कैट की परीक्षा में असफल हो गए जिसके कारण वह हरदम उदास रहते 

 थे और यह सोचते थे, कि अब उन्हें आगे क्‍या करना है।  


दो ढाई साल तक  एग्जाम में सफल न होने के कारण एमबीए चाय वाला प्रफुल्ल बिल्लोरी 

ने मैकडोनल्ड कंपनी में जॉब करना शरूकिया , प्रफुल्ल बिल्लोरे मात्र 35 रुपए में में मैकडोनल्ड 

कंपनी में जुड़  गए और करीब 4 साल तक इस  कंपनी से जुड़े रहने के कारण कई साल का अनुभव 

इसे कंपनी से सीखा


 मैकडोनल्ड कंपनी में नौकरी करने के बाद प्रफूलल बिल्लोरे अक्सर चाहते थे कि क्‍यों ना

अपना खुद का बिजनेस शरू किया जाये, शरू में तो उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था

की  किस चीज का बिज़नेस शुरू किया जाये, लेकिन तभी प्रफुल्ल के मन में चाय

बेचने का ख्याल आया, हालाँकि सुनने में तो यह आसान लग रहा था लेकिन उससे

ज्यादा कठिन था की एक  MBA  तथा इंलिश बोलने वाला यह लड़का साहस कहा से पैदा

करे, लेकिन MBA चाय  वाला  के नाम से जाने जाते प्रफुल्ल बिल्‍लोर  ने इस काम को

करने का मन में ठान रखा था और बाद में अपने घर से कुछ बर्तन लेकर रोड

पर चाय का ठेला लगाया कई महीनों तक हिम्मत जूटाने के बाद वे अपने काम में खुल

गए, और लोग क्या कहेंगे यह छोड़कर अपने चाय के व्यापार में ध्यान दिया


इसी बीच उनकी सबसे बड़ी समस्या यह थी कि कोई कस्टमर चाय पीने के लिए ना

आना, क्योकि जब कोई कस्टमर ही नहीं आएगा तो बिज़नेस सफल कैसे होगा, इस

समस्या का समाधान के लिए प्रफुल्ल बिल्लोरे यानि MBA  चाय  वाला खुद लोगों के

पास चाय बेचने जाता था, और कछ इस कदर चाय बेचने लगा की लोग चाये पिने के

लिए मजबूर हो जाये, अब क्या था प्रफलल बिल्लोरे ने पीछे मुड़कर नहीं देखा  और अपने

चाय के बिजनेस को एक नई पहचान दी



जब MBA  चाय वाले ने अपनी चाय का बिजनेस शुरू किया उनको इस बिज़नेस को चलने के

लिए एक नाम देने की जरुरत थी, कई दिनों बाद प्रफल्‍ल बिल्लोरे ने अपने इस बिज़नेस को

चलने के लिए mr.  billore नाम दिया, लेकिन यह नाम उन्हें ज्यादा खास नहीं लगा और कई

बार सोचने के बाद उन्होंने इस चाय के बिज़नेस का नाम MBA  chaiwlaa  का नाम दिया 

जिसका मतलब है, Mr.  Billore ahmendabad chai wala .