Motivation meaning and theories in hindi |
प्रेरणा - अर्थ एवं सिद्धांत |
प्रस्तावना ( Introduction of motivation )
प्रेरणा / अभिप्रेरणा ( motivation ) यह एक प्रकार की शक्ति अथवा बल अर्थात ऊर्जा है जो मानव व्यवहार को क्रियाशील बनती है। प्रेरणा ही व्यक्ति के व्यक्तित्व के शैक्षिक एवं समाजिक व्यवहार को शुनिश्चित करती है।
अभिप्रेणा / प्रेरणा व्यक्ति को क्रियाशील बनती है तथा कार्यो को करने के लिए प्रेरित करता है। किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को निरंतर क्रियाशील बनाये रखाता है। वह आवश्यकताएं ही उसे आंतरिक रूप से अभिप्रेरित करने का कार्य करती हैं। यह अभिप्रेरणा के अर्थ को समझने हेतु एक उत्तम उदाहरण हैं। दोस्तों आज हम इस पोस्ट के माध्यम से अभिप्रेरणा (Motivation) से संबंधित समस्त जानकारी सरल रूप में जानेंगे। इसके लिये आप को इस post को अंत तक पढ़ना होगा ।
अभिप्रेरणा | एक आंतरिक प्रेरणा का नाम हैं अर्थात किसी कार्य को करने हेतु जब हम स्वयं अपने मन से प्रेरित एवं उत्साहित होते हैं, उसे ही अभिप्रेरणा कहते हैं। किसी कार्य को करने के पीछे व्यक्ति का कुछ निजी उद्देश्य होता हैं अर्थात वह उस कार्य को करके अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता हैं।
अभिप्रेरणा का अर्थ ( Meaning of motivation )
अभिप्रेरणा का अंग्रेजी अनुवाद है 'मोटिवेशन'। जिसका अर्थ हैं, किसी कार्य को करने हेतु आंतरिक रूप से प्रेरित होना ।अभिप्रेरणा एक ऊर्जा का नाम हैं जो मनुष्य के व्यवहार का निर्माण कर उसको स्थिरता प्रदान करने का कार्य करती हैं।
हम देखते हैं कि अगर कोई व्यक्ति अपने पसंद या रुचि से संबंधित कोई कार्य करता हैं तो उस कार्य को करने में उसे आनंद आता हैं,अर्थात वह रुचि या कार्य उसे उस कार्य को करने हेतु प्रेरित करते हैं। यह तत्व ही अभिप्रेरणा के प्रेरक का कार्य करते हैं।
इसी तरह प्रत्येक क्षेत्र में ऐसे कई प्रेरक होते हैं जैसे :- अध्यापक,आवश्यकता,रुचि आदि। जो व्यक्ति को अभिप्रेरित करते हैं। यह उस व्यक्ति को उस कार्य को करने हेतु एक ऊर्जा प्रदान करती हैं।
अभिप्रेरणा के स्रोत ( Source of motivation )
* आवश्यकताए ( Needs ) - मनुष्य को जीवन-यापन करने हेतुअनेक साधनों एवं वस्तुओं की आवश्यकता पड़ती हैं और वह व्यक्ति इन समस्त आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु विभिन्न कार्य एवं प्रयास करता हैं। यह सभी आवश्यकताओ का एहसास उसमे ऊर्जा पैदा करती हैं।
* चालक - चालक उस वस्तु का नाम हैं, जिसे प्राप्त कर लेने से व्यक्ति की आवश्यकता की पूर्ति हो जाती हैं, अर्थात भोजन मिलने से उसकी भूख शांत हो जाती है या प्यास लगने पर पानी मिल जाना।
* उद्दीपन ( Incentive) - व्यक्ति की आवश्यकता की पूर्ति जिन-जिन वस्तुओं से होती है। उन सभी को मनोविज्ञान में उद्दीपन कहा जाता हैं। जैसे- भूख लगने में भोजन की आवश्यकता। मनोविज्ञान के अनुसार व्यक्ति उद्दीपन के होने से ही अनुक्रिया करता हैं।
* प्रेरक ( motive ) - प्रेरक के अंतर्गत उन सभी तत्वों को सम्मिलित किया जाता है जो व्यक्ति को किसी कार्य को करने एवं उस कार्य को लगातार करते रहने में उसकी सहायता करता हैं यह तत्व इस प्रकार होते हैं-
( प्रशंसा,रुचि,दंड,अहंकार,ईर्ष्या,भावना,सफलता की खुशी,उत्सुकता आदि)
अभिप्रेरणा की जरूरत क्यों पड़ती है
बार बार इंसान के जीवन में कुछ ऐसी घटनाएं होती है जिससे इंसान हताश हो जाता है तो उसे बार-बार प्रेरणा ( मोटिवेशन )की जरूरत पड़ती है प्रेरणा की जरूरत पड़ती है , और साथ ही साथ किसी काम को करने के लिए या उसे निरंतर बिना रुके करते रहने लिए अभिप्रेरणा की आवश्यकता होती है। अभिप्रेरणा ( motivation ) के माध्यम से लोग अपने लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल होते है।
निष्कर्ष ( conclusion )
अभिप्रेरणा ( motivation ) उस ऊर्जा का नाम है जो असंभव कार्य को संभव करने में व्यक्ति की सहायता करती हैं एवं व्यक्ति की आवश्यकताओं की पूर्ति एवं व्यक्तित्व निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभाती हैं।
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