Best Bhagwat Geeta Quote's In Hindi 










“जिस मनुष्य के अंदर ज्ञान की कमी और ईश्वर में  श्रद्धा नहीं होती,
वो मनुष्य जीवन में कभी भी आनंद और सफलता को प्राप्त नहीं कर पाता"





“मनुष्य अपने हृदय से जो दान कर सकता है वो अपने हाथों से नहीं कर सकता ,  और मौन रहकर जो कुछ वो  कह सकता है वो शब्दों से नहीं कह सकता”



Bhagwat Geeta Quote's In Hindi

“ईश्वर ने हमें जो कुछ भी दिया है वही हमारे लिए पर्याप्त है और यही एक अटल सत्य भी है"





“इस संसार में  हम खाली हाथ आए थे और खाली हाथ ही जाएंगे " 





" जो आज हमारा है वह कल किसी और का होगा,
इसलिए हम अपने जीवन में  जो भी करते हैं उसे पूरी श्रद्धा के साथ अपने इष्ट
देव को अर्पण कर देना चाहिए । " 





" इस भौतिक संसार का सिर्फ एक ही अटल नियम है कि जो भी वस्तु जन्म लेती है सिर्फ कुछ समय तक ही रहती है,  उसके पश्चात उसका अंत होना निश्चित है फिर चाहे  वह मनुष्य का शरीर हो या फल।  "





“इंसान को जीवन में  अपने इच्छाओं के अनुरूप जीने के लिए जुनून की
आवश्यकता होती है, वरना हर इंसान की परिस्थितियां तो हमेशा विपरीत ही होती है। ”





“जीवन की सफलता हर उम्र छोटी प्रयासों का योग होता है,
जिसे मनुष्य हर रोज करता है। ”





“हमारी व्यर्थ की चिंता और मन का भय एक ऐसा रोग होता है,
जिससे हमारी आत्मीय शक्ति बिखर जाती है। ”





“हर मनुष्य के जीवन मैं नकारात्मक विचारों का आना निश्चित होता है,
परंतु यह मनुष्य पर निर्भर करता है कि वो उन विचारों को कितना महत्व देता है । ”





“जो बीत गया उस पर दुख क्‍यों करना,
जो है उस पर अहंकार क्‍यों करना,
और जो आने वाला है उसका मोह क्यों करना । "




“इस पृथ्वी की हर सुगंध की मधुरता मैं  ही हूं मैं ही अग्नि की ज्वाला हूँ ,
और मैं ही सभी जीवित प्राणियों का जीवन और सन्यासियों का आत्म संयम हूँ।  "



Bhagwat Geeta Quote's In Hindi

" जो मनुष्य अपने मन को नियंत्रित नहीं कर पाता,
उसका मन उसके लिए शत्रु के समान कार्य करता है। ”





“मनुष्य के चरित्र का निर्माता उसका खुद का आत्मविश्वास होता है,
जैसा उसका आत्मविश्वास होगा वैसा ही उसका व्यक्तित्व होगा।  "





“हर वह मनुष्य जो अपने पूर्ण विश्वास के साथ अपने देवता की पूजा करने की
इच्छा रखता है, मैं उस मनुष्य का विश्वास उसी देवता में ढूंढ  कर देता हूं।  "






“ईश्वर की शक्ति मनुष्य के होश, भावनाएं और मन की गतिविधियों के माध्यम से सदा उसके साथ रहती हैं।  "






“बुद्धिमान व्यक्ति अपने द्वारा किए गए कर्मों को
और अपने ज्ञान को हमेशा एक ही रूप से देखता है।  ”





“मैं अपने कर्मों से बंधा हुआ नहीं हूं क्योंकि मुझे मेरे द्वारा 
किए गए कर्मों के प्रतिफल की कोई इच्छा नहीं है।  ”





“ईश्वर से किए गए प्रार्थना से इंसान की परिस्थिति या तकदीर बदले या ना बदले पर उस प्रार्थना से इंसान के चरित्र में  जरूर बदलाव आता है। "





“हमें खुद सोचना चाहिए कि खुद मैं बदलाव लाना कितना कठिन होता है,
तो फिर क्‍यों हम दूसरों में  बदलाव लाने को सरल सोचते हैं। "





“किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक करने के लिए जो प्रेरणा का स्रोत है वो सिर्फ हमारे विचार होते हैं, इसलिए हमें हमेशा बड़ा सोचना चाहिए और जीत को हासिल करने के लिए खुद को प्रेरित करना चाहिए।  ”





“श्री कृष्ण पर इतना भरोसा और उनकी इतनी भक्ति करो कि
जीवन में जब भी हम पर संकट आए तो चिंता स्वयं श्रीकृष्ण करें। "




Bhagwat Geeta Quote's In Hindi

“अगर बुरी मानसिकता वाले मनुष्य सिर्फ समझाने से हर बात को समझ जाते, तो श्री कृष्ण कभी भी महाभारत को  होने नहीं देते। ”





“जिस प्रकार दीपक में  तेल समाप्त होने पर दीपक बुझ जाता है,
ठीक उसी प्रकार मनुष्य के कर्म जब क्षीण होने लगते हैं,
तब उस मनुष्य का भाग्य भी नष्ट हो जाता है। ”





“इस पृथ्वी पर ऐसा कोई भी नहीं जो मनुष्य कीआशाओं को पूर्ण कर सके,
क्योंकि मनुष्यों की आशा उस समुद्र के समान होती है जिसे कभी भी भरा नहीं जा सकता। "




“इंसान का स्वार्थ काफी ताकतवर होता है और यही वजह है कि
कभी-कभी हमारे शत्रु हमारे मित्र बन जाते हैं
और हमारे मित्र हमारे शत्रु बन जाते हैं। "





“जीवन मैं कभी हताश ना होना सफलता का मूल मंत्र होता है,
मनुष्य का उत्साह ही उसे कर्मों को करने के लिए प्रेरित करता है
और उसका उत्साह ही उस कर्म को सफल बनाता है।  ”





“अगर हमारे मन में उत्साह और संतोष होगा तो यकीन मानिए
कि वह आपके लिए स्वर्ग की प्राप्ति से भी बढ़कर होगा। "





" इंसान के मन का संतोष ही उसका सबसे बड़ा सुख का साथी होता है।  "






“जो मनुष्य किसी की सेवा,  दया से प्रेरित होकर करता है
उस मनुष्य को कोई निश्चय ही सुख और सफलता की प्राप्ति होती है। "






“सुकून और शांति इस संसार की सबसे महंगी वस्तु है,
जिसे हम सिर्फ ईश्वर की भक्ति से ही प्राप्त कर सकते हैं।  "





“हमारे मन का अहंकार उस वृक्ष की तरह होता है
जिसमें सिर्फ विनाश के फल ही लगते हैं।  ”





“ऊपर वाले की न्याय की चक्की में न्याय जरा धीमे पिसती है,
पर याद रखना पिसती बहुत अच्छे से हैं।  "





“मनुष्य को इस बात का घमंड नहीं होना चाहिए कि उसे जीवन में  किसी की भी आवश्यकता नहीं पड़ेगी, और इस बात की गलतफहमी भी नहीं होनी चाहिए कि उसकी जरूरत हर किसी को होगी। "





“इस कथन में  कोई भी संदेह नहीं है कि जो भी मनुष्य मृत्यु के समय मेंरा
स्मरण करता है, और मेरा स्मरण करते हुए अपने शरीर को त्यागता है वह मनुष्य मेरे धाम में वास करता है। "



Bhagwat Geeta Quote's In Hindi

“मनुष्य अपने जीवन में  जो भी कर्म रूपी बीज बोता है,
भविष्य में  उसी का फल उसे प्राप्त होता है।  ”





“हर मनुष्य को अपने इश्वर पर अटूट आस्था होनी चाहिए,
क्योंकि अर्जुन ने भी युद्ध भूमि में  जाने से पहले श्री कृष्ण को ही चुना था।  "





“जीवन में बिना किसी कर्म को किए किसी फल की आशा करना इंसान की सबसे बड़ी भूल होती है।  ”





" मैं इस संसार के हर प्राणी को एक समान भाव से देखता हूं,
ना कोई मुझे अधिक पसंद है और ना ही कोई मुझे कम पर,
जो भी मेरी श्रद्धा पूर्वक और प्रेम से मेरी आराधना करता है मैं उन सभी के अंदर वास करता हूँ। और उनके जीवन में उनको कभी ना कभी दर्शन जरूर देता हूँ। "





“जिस प्रकार प्रकृति में समय-समय पर बदलाव आता है,
ठीक उसी प्रकार मनुष्य के जीवन में भी सुख और दुख,
आशा, निराशा सफलता और असफलता आते जाते रहते हैं। "





“कोई भी मनुष्य जन्म से ही महान नहीं होता,
महान बनने के लिए मनुष्य को महान कर्म भी करने पड़ते हैं।  ”





है अर्जुन! क्रोध से भ्रम  पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है, तब तर्क नष्ट हो जाता है, जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता है।"





" जो सब प्राणियों के दुख-सुख को अपने दुख-सुख के समान समझता है और सबको समभ्माव से देखता है, वही श्रेष्ठ योगी है। "





" जो लोग हृदय को नियंत्रित नही करते है, उनके लिए वह शत्रु के समान काम करता है। "

 
है अर्जुन!
 " श्री भगवान होने के नाते मैं जो कुछ भूतकाल में घटित हो चुका है, जो
वर्तमान में  घटित हो रहा है और जो आगे होने वाला है, वह सब कुछ जानता हू में समस्त जीवों को भी जानता हूँ, किन्तु मुझे कोई नहीं जानता। "





" अनेक जन्म के बाद जिसे सचमुच ज्ञान होता है, वह मुझको समस्त कारणों का कारण जानकर मेरी शरण में आता है। ऐसा महात्मा अत्यंत दुर्लभ होता है। "





है कुन्तीपुत्र।
"मैं जल का स्वाद हूँ, सूर्य तथा चन्द्रमा का प्रकाश हूँ, वैदिक मन्त्रों में
ओंकार हूँ, आकाश में ध्वनि हूँ तथा मनुष्य में सामर्थ्य हूँ। "



Bhagwat Geeta Quote's In Hindi

" डर धारण करने से भविष्य  के दुख का निवारण नहीं होता है। डर केवल आने वाले दुख की कल्पना ही है। "





है अर्जुन !
धन और स्त्री सब नाश रूप है। मेरी भक्ति का नाश नहीं है।





" है पार्थी जिस भाव से सारे लोग मेरी शरण ग्रहण करते है, उसी के अनुरूप मैं उन्हें फल देता हूँ। " 






है अर्जुन!
 " जो मेंरे आविर्भाव के सत्य को समझ लेता है, वह इस शरीर को छोड़ने
पर इस भौतिक संसार में पुनर्जन्म नहीं लेता, अपितु मेंरे धाम को प्राप्त होता है। " 





है अर्जुन! 
" मैं वह काम हूँ, जो धर्म के विरुद्ध नहीं है। "





" जो लोग निरंतर भाव से मेरी पूजा करते है, उनकी जो आवश्यकताएँ होती है, उन्हें मैं पूरा करता हूँ और जो कुछ उनके पास है, उसकी रक्षा करता हूँ। "





" भक्तों का उद्धार करने, दुष्टों का विनाश करने तथा धर्म की फिर से स्थापना
करने के लिए मैं हर युग में प्रकट होता हूँ। "






" जब भी और जहाँ भी अधर्म बढ़ेगा। तब मैं धर्म की स्थापना हेतु, अवतार लेता रहूँगा "





" मैं ही लक्ष्य, पालनकर्ता, स्वामी, साक्षी, धाम, शरणस्थली तथा अत्यंत प्रिय मित्र हूँ  मैं सृष्टि तथा ब्रह्माण्ड, सबका आधार, आश्रय तथा अविनाशी बीज भी हूँ।  " 





जिसने मन को जीत लिया है उसके लिए मन सबसे अच्छा मित्र है, लेकिन जो
ऐसा नहीं कर पाया उसके लिए मन सबसे बड़ा दुश्मन बना रहेगा।



Bhagwat Geeta Quote's In Hindi

" अगर कोई प्रेम और भक्ति के साथ मुझे पत्र, फूल, फल या जल प्रदान करता है, तो मैं उसे स्वीकार करता हूँ। "






" जो हुआ वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा है, जो होगा वो भी
अच्छा ही होगा। " 





" मेरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो। " 





" मनुष्य जो चाहे बन सकता है, अगर वह विश्वास के साथ इच्छित वस्तु पर लगातार चिंतन करें तो।  " 





" जो मनुष्य अपने कर्मफल प्रति निश्चित है और जो अपने कर्तव्य का पालन करता है, वहीं असली योगी है। " 





" जो पुरुष न तो कर्मफल की इच्छा करता है, और न कर्मफलों से घृणा करता है, वह संनयासी जाना जाता है। " 






" यज्ञ, दान और तपस्या के कर्मों को कभी त्यागना नहीं चाहिए, उन्हें हमेशा सम्पन्न  करना चाहिए। "





" अपने अपने कर्म के गुणों का पालन करते हुए प्रत्येक व्यक्ति सिद्ध हो सकता है। गुरु दीक्षा बिना प्राणी के सब कर्म निष्फल होते है। "





" जो मनुष्य कर्म में अकर्म और अकर्म में  कर्म देखता है, वह सभी मनुष्यों में
बुद्धिमान है और सब प्रकार के कर्मों में  प्रवृत्त रहकर भी दिव्य स्थिति में रहता है। "





" फल की लालसा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है। " 


 

" कर्म करो, फल की चिंता मत करो। " 


Bhagwat Geeta Quote's In Hindi

" जो कर्म को फल के लिए करता है, वास्तव में  ना उसे फल मिलता  है, ना ही वो कर्म है।" 





है अर्जुन!
" तुम्हारे तथा मेरे अनेक जन्म हो चुके है। मुझे तो वो सब जन्म याद है
लेकिन तुम्हे नहीं। "





" जिस प्रकार मनुष्य पुराने कपड़ो को त्याग कर नये कपड़े धारण करता है, उसी प्रकार आत्मा पुराने तथा व्यर्थ के शरीरों को त्याग कर नया भौतिक शरीर धारण करता है। " 





है अर्जुन! 
" जो पुरुष सुख तथा दुख में विचलित नहीं होता और इन दोनों में
समभाव रहता है, वह निश्चित रूप से मुक्ति के योग्य है।





" खुद को जीवन के योग्य बनाना ही सफलता और सुख का एक मात्र मार्ग है।
जीवन ना तो भ्रविष्य में  है ना अतीत में , जीवन तो इस क्षण में है। "





" जो विद्वान्‌ होते है,वो न तो जीवन के लिए और न ही मृत के लिए शोक करते है। " 




" जो महापुरुष मन की सब इच्छाओं को त्याग देता है और अपने आप ही में प्रसन्न रहता है, उसको निश्छल बुद्धि कहते है। " 





" मैं हर जीव के हृदय में परमात्मा स्वरुप स्थित हूँ। जैसे ही कोई किसी देवता की जा करने की इच्छा करता है, मैं उसकी श्रद्धा को स्थिर करता हूँ, जिससे वह उसी विशेष देवता की भक्ति कर सके। "





" जो मुझे सब जगह देखता है और सब कुछ मुझमें देखता है उसके लिए न तो मैं कभी अदृश्य होता हूँ और न वह मेरे लिए अद्दश्य होता है। "





" नरक के तीन द्वार होते है, वासना, क्रोध और लालच । " 





“ जिस प्रकार अग्नि स्वर्ण को परखती है,उसी प्रकार संकट वीर पुरुषों को। " 



Bhagwat Geeta Quote's In Hindi

“ मनुष्य को परिणाम की चिंता किए बिना, लोभ- लालच बिना एवं निस्वार्थ और निष्पक्ष होकर अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिए। " 





" क्रोध से श्रम पैदा होता है, भ्रम से बुद्धि व्यग्र होती है, जब बुद्धि व्यग्र होती है
तब तर्क नष्ट हो जाता है। जब तर्क नष्ट होता है तब व्यक्ति का पतन हो जाता
है। "





“ मनुष्य को जीवन की चुनौतियों से भागना नहीं चाहिए और न ही भाग्य और
ईश्वर की इच्छा जैसे बहानों का प्रयोग करना चाहिए। " 





" मनुष्य को अपने कर्मों के संभावित परिणामों से प्राप्त होने वाली विजय या पराजय,लाभ या हानि, प्रसन्‍नता या दुःख
 इत्यादि के बारे में सोच कर चिंता से ग्रसित नहीं होना चाहिए। " 





“ कर्म के बिना फल की अभिलाषा करना, व्यक्ति की सबसे बड़ी मूर्खता है। 





" अपने अनिवार्य कार्य करो, क्‍योंकि वास्तव में  कार्य करना निष्क्रियता से बेहतर है। " 





"  अपकीर्ति मृत्यु से भी बुरी है। "




"जो पुरुष सुख तथा दुख में  विचलित नहीं होता और इन दोनों में समभाव रहता है, वह निश्चित रूप से मुक्ति के योग्य है। "





"  सफलता जिस ताले में बंद रहती है वह दो चाबियों से खुलती है। एक कठिन परिश्रम और दूसरा  दृढ संकल्प । "





" मानव कल्याण ही  भागवत  गीता का प्रमुख उद्देश्य है। इसलिए मनुष्य को अपने कर्तव्यों का पालन करते समय मानव कल्याण को प्राथमिकता देना चाहिए। "





“ मनुष्य का मन इन्द्रियों के चक्रव्यूह के कारण भ्रमित रहता है। जो वासना, लालच, आलस्य जैसी बुरी आदतों से ग्रसित हो जाता है। इसलिए मनुष्य का अपने मन एवं आत्मा पर पूर्ण नियंत्रण होना चाहिए। " 



Bhagwat Geeta Quote's In Hindi

" आत्म-ज्ञान की तलवार से अपने हृदय से अज्ञान के संदेह को काटकर अलग कर दो। उठो, अनुशाषित रहो। " 





" मनुष्य को अपने धर्म के अनुसार कर्म करना चाहिए।जैसे - विद्यार्थी का धर्म
विद्या प्राप्त करना, सैनिक का धर्म देश की रक्षा करना आदि। जिस मानव का जो कर्तव्य है उसे वह कर्तव्य पूर्ण करना चाहिए। " 





" समय से पहले और भाग्य से अधिक कभी किसी को कुछ नही मिलता
 है। " 




"  श्रेष्ठ पुरुष को सदैव अपने पद और गरिमा के अनुरूप कार्य करने चाहिए। क्योंकि श्रेष्ठ पुरुष जैसा व्यवहार करेंगे, तो इन्हीं आदर्शों के अनुरूप सामान्य पुरुष भी वैसा ही व्यवहार करेंगे। " 





“जो मनुष्य जिस प्रकार से ईश्वर का स्मरण करता है उसी के अनुसार ईश्वर उसे फल देते हैं। कंस ने श्रीकृष्ण को सदैव मृत्यु के लिए स्मरण किया तो श्रीकृष्ण ने भी कंस को मृत्यु प्रदान की। अतः परमात्मा को उसी रूप में स्मरण करना चाहिए जिस रूप  में  मानव उन्हें पाना चाहता है। " 






" सदैव संदेह करने वाले व्यक्ति के लिए प्रसन्‍नता ना इस लोक में है ना ही कहीं और। " 





“जो मन को नियंत्रित नहीं करते उनके लिए वह शत्रु के समान कार्य करता है। " 




"  कोई भी इंसान जन्म से नहीं बल्कि अपने कर्मों से महान बनता है। " 





"  प्रबुद्ध व्यक्ति के लिए, गंदगी का ढेर, पत्थर और सोना सभी समान हैं। "





"  कर्म मुझे बांधता नहीं, क्योंकि मुझे कर्म के प्रतिफल की कोई इच्छा 
नहीं। " 




Bhagwat Geeta Quote's In Hindi

"  मेंरा तेरा, छोटा बड़ा, अपना पराया, मन से मिटा दो, फिर सब तुम्हारा है और तुम सबके हो। " 





“ जिसने मन को जीत लिया है, उसने पहले ही परमात्मा को प्राप्त कर लिया है, क्योंकि उसने शान्ति प्राप्त  कर ली है। ऐसे मनुष्य के लिए सुख-दुख, सर्दी-गर्मी और मान-अपमान एक से है। " 





"  फल की अभिलाषा छोड़कर कर्म करने वाला पुरुष ही अपने जीवन को सफल बनाता है। " 





" परमात्मा को प्राप्ति के इच्छुक ब्रम्हचर्य का पालन करते है। " 





" ज़ुन्म लेने वाले के लिए मृत्यु उतनी ही निश्चित है, जितना कि मृत होने वाले के लिए जन्म लेना। इसलिए जो अपरिहार्य है उस पर शोक मत करो। " 





" वह जो सभी इच्छाएं त्याग देता है और “मैं " और “मेरा " की लालसा और भावना से मुक्त हो जाता है उसे शान्ति प्राप्त होती है। " 





"  लोग आपके अपमान के बारे में हमेशा बात करेंगे। सम्मानित व्यक्ति के लिए, अपमान मृत्यु से भी बद्तर  है। " 





" तुम्हारा क्या गया जो तुम रोते हो, तुम क्या  लाए थे जो तुमने खो दिया, तुमने
क्या पैदा किया था जो नष्ट हो गया, तुमने जो लिया यहीं से लिया, जो दिया यहीं पर दिया, जो आज तुम्हारा है, कल किसी और का होगा। क्योंकि परिवर्तन ही संसार का नियम है। " 




“धरती पर जिस प्रकार मौसम में  बदलाव आता है, उसी प्रकार जीवन में  भी सुख- दुख आता जाता रहता है। " 





"  जो हुआ वह अच्छा हुआ, जो हो रहा है वह अच्छा हो रहा है, जो होगा वो भी अच्छा ही होगा। " 





“ एक ज्ञानवान व्यक्ति कभी भी कामुक सुख में आनंद नहीं लेता। " 



Bhagwat Geeta Quote's In Hindi

"  जो दान बिना सत्कार के कुपात्र को दिया जाता है वह तमस दान कहलाता है। " 





“ वह व्यक्ति जो अपनी मृत्यु के समय मुझे याद करते हुए अपना शरीर त्यागता है, वह मेरे धाम को प्राप्त होता है और इसमें कोई शंशय नही है। " 





"  इतिहास कहता है कि कल सुख था, विज्ञान कहता है कि कल सुख होगा, लेकिन धर्म कहता है कि, अगर मन सच्चा और दिल अच्छा हो तो हर रोज सुख होगा। "





"  मैं सभी प्राणियों को एक समान रूप से देखता हूं, मेरे लिए ना कोई कम प्रिय है ना ही ज्यादा। लैकिन जो मनुष्य मेरी प्रेमपूर्वक आराधना करते हैं वो मेरे भीतर रहते हैं और मैं उनके जीवन में आता हूँ । " 





"जो होने वाला है वो होकर ही रहता है और जो नहीं होने वाला वह कभी नहीं
होता, ऐसा निश्चय जिनकी बुद्धि में होता है, उन्हें चिंता कभी नही सताती है। " 





" जिस तरह प्रकाश की ज्योति आँधेरे में चमकती है, ठीक उसी प्रकार सत्य भी चमकता है। इसलिए हमेशा सत्य की राह पर चलना चाहिए। "





" मन की गतिविधियों, होश, श्वास, और भावनाओं के माध्यम से भगवान की शक्ति सदा तुम्हारे साथ है।"





" अपने आपको ईश्वर के प्रति समर्पित कर दो, यही सबसे बड़ा सहारा है। जो कोई भी इस सहारे को पहचान गया है वह डर, चिंता और दुखों से आजाद रहता है। "





" मैरे लिए ना कोई घृणित है ना प्रिय, किन्तु जो व्यक्ति भक्ति के साथ मेरी पूजा करते हैं, वो मेरे साथ हैं और मैं भी उनके साथ  हूँ।  " 





"  अच्छे कर्म करने के बावजूद भी लोग केवल आपकी बुराइयाँ ही याद रखेंगे, इसलिए लोग क्या कहते हैं इस पर ध्यान मत दो, तुम अपना कर्म करते रहो। "





" जो लोग भक्ति में  श्रद्धा नहीं रखते, वे मुझे पा नहीं सकते। अतः वे इस दुनिया में  जन्म-मृत्यु के रास्ते पर वापस आते रहते हैं। "





 " यह सृष्टि कर्म क्षेत्र है,बिना कर्म किये यहाँ कुछ भी हासिल  नहीं हो 
सकता। "





" वह जो वास्तविकता में मेरे उत्कृष्ट जन्म और गतिविधियों को समझता है, वह शरीर त्यागने के बाद पुनः जन्म नहीं लेता और मेरे धाम को प्राप्त होता है। " 





" तुम क्यों व्यर्थ में चिंता करते हो? तुम क्‍यों भयभीत होते हो ? कौन तुम्हे मार
सकता है ? आत्मा न कभी जन्म लेती है और न ही इसे कोई मार सकता है, ये ही जीवन का अंतिम सत्य है। "





" अपने परम भक्तों, जो हमेशा मेरा स्मरण या एक-चित्त मन से  मेरा पूजन करते हैं, मैं व्यक्तिगत रूप से उनके कल्याण का उत्तरदायित्व लेता हूँ। "





“न तो यह शरीर तुम्हारा है और न ही तुम इस शरीर के मालिक हो। यह शरीर 5 तत्वों से बना है - आग, जल, वायु, पृथ्वी और आकाश। एक दिन यह शरीर इन्ही 5 तत्वों में विलीन हो जाएगा।











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