डिप्रेशन को दूर करने के 10 बेहतरीन उपाय
~ How To Prevent Depression In Hindi
डिप्रेशन होता क्या है?
दोस्तों सबसे पहले तो यह जानना जरूरी है कि डिप्रेशन आखिर होता क्या है। डिप्रेशन एक प्रकार की बीमारी है जिसे हिंदी मे अवसाद कहा जाता है।
डिप्रेशन के दौरान पीड़ित व्यक्ति पूरी तरह से हताश हो जाता है और उसका मनोबल टूट सा जाता है उसके सोचने समझने की शक्ति लगभग नकारात्मक रहती है। दोस्तों इसके बाद वह व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन तक खोने की कगार पर पहुंच जाता है। डिप्रेशन के शुरुआती लक्षणों में बेचेनी, घबराहट और बेवजह डरना शामिल है। डिप्रेशन जैसे
जैसे आगे बढ़ता है, इसके लक्षण भी बढ़ते जाते हैं और इससे होने वाले नुकसान भी। डिप्रेशन पूरी तरह से एक मानसिक बीमारी है जिसका असर शारीरिक तौर पर भी देखा जा सकता है।
डिप्रेशन किस कारण से होता है?
डिप्रेशन पूरी तरह से एक मानसिक बीमारी होती है। इसी कारण इसका कारण भी मानसिक होता है। डिप्रेशन तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने इच्छित कार्यों को करने मे असफल हो जाए या उसे बहुत बड़ा सदमा लगा हो । उदाहरण के तौर पर यह मान लीजिए कि कोई व्यक्ति किसी भी कार्य को पुरे मन लगाकर कर रह हो और अपना सारा समय उसी में लगा देता हो , फिर भी उसे सफलता न मिले , ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति पूरी तरह से हताश हो जाता है और उसका मनोबल टूट जाता है , ऐसी स्थिति में वह डिप्रेशन का सीकर हो जाता है । और यहीं से डिप्रेशन की शुरुआत होती है। दरअसल वह व्यक्ति अपने लक्ष्य से इतनी बुरी तरह जुड़ चुका होता है कि वह इसमें असफल होने को मानसिक तौर पर बर्दाश्त नहीं कर पाता ।
डिप्रेशन के लक्षण?
डिप्रेशन के शुरुआती लक्षण निम्न हैं :-
* किसी काम में दिलचस्पी न लेना
* नकारात्मक विचार आना।
* हर समय उदास रहना
* ठीक से नींद न आना
* कम भूख लगना
* आत्मविश्वास में कमी
* थकान महसूस होना और सुस्ती
* हर वक़्त एक मानसिक बोझ रहता है।
* एकाग्रता में कमी
डिप्रेशन को दूर करने के उपाय :-
1. सकरात्मक सोच रखे
2. कसरत करें
3. गानें सुनें
4. किसी अच्छी जगह घूमने चले जाये
5. अच्छी और लम्बी नींद ले
6. पुरानी बातों के बारे में न सोचें
7. शराब और नशीले पदार्थो से दूर रहे
8. खुद को मोटीवेट करे।
9. अपने विश्वसनीय लोगों से बात करें
10.अपनी अचीवमेंट याद रखें
तनाव डिप्रेशन का मुख्य कारण है। इसलिय लिए जितना हो सके तनाव से दूर रहें। यह केवल डिप्रेशन से पीड़ित व्यक्ति ही नहीं बल्कि लगभग हर व्यक्ति को तनाव से बचना चाहिए। दरअसल डिप्रेशन के शिकार हो रहे लोगों ने शुरुआती दौर में बहुत ज्यादा तनाव ले लिया होता है , जिस कारण वो डिप्रेस का सीकर हो जाते है । डिप्रेशन मानसिक बीमारी है जो सीधा मस्तिष्क से जुड़ी है। यदि कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा तनाव से ग्रस्त रहता है तो वह डिप्रेशन का शिकार हो सकता है। तनाव डिप्रेशन का शुरुआती लक्षण है और अगर शुरुआत में ही इससे बच लिया जाए तो डिप्रेशन वहीं रुक सकता है।
गाने सुनें
डिप्रेशन या तनाव की अधिकता के दौरान गाने सुनना काफी ज्यादा कारगर साबित हो सकता है। एक स्टडी के दौरान यह पाया गया था कि यदि कोई व्यक्ति दिन में केवल एक घंटे भी गाने सुनता है तो उसे डिप्रेशन नहीं हो सकता। डिप्रेशन को रोकने के लिए एवं इससे बचने के लिए प्रेरणादायक गाने :
सकरात्मक सोच रखे
सकारात्मक सोचने से आप का मनोबल बढ़ता है और साथ ही साथ आप खुद को असहाय महसूस होने से रोकते है , जिससे आप डिप्रेशन में आने वाले विचार से बच सकते है। और अपने आप को डिप्रेशन में जाने से बचा सकते है।
कसरत करें
कसरत करना भी डिप्रेशन से बचने के लिए काफी ज्यादा सहायक होता है। कई बार डिप्रेशन की वजह खाद्य पदार्थों से शुरू होती है। आप लगातार अपने शरीर में असंतुलित वसा जमा करते रहेंगे, तो आपका तंत्रिका तंत्र सुस्त पड़ सकता है, जो सीधा आपके मस्तिष्क पर असर करता है। कसरत
करने से शरीर में फुर्ती स्फूर्ति बनी रहती है और कसरत करने से आप असंतुलित वसा से भी निजात पा सकते हैं।
किसी अच्छी जगह घूमने चले जाये
डिप्रेशन में आप ऐसी जगहा घूमने जा सकते है जो आप को पसंद हो और जहां शांति हो ऐसा करने से आपका मन और मष्तिष्क शांत रहेगा । और आप डिप्रेशन से बच सकते है।
खाने का ध्यान रखें।
डिप्रेशन के दौरान खाने पीने का ध्यान रखना काफी ज्यादा जरूरी है। आपको यह जानकार हैरानी होगी कि विटामिन डी की कमी से ही डिप्रेशन को बढ़ावा मिलता है। यदि आप संतुलित आहार लेते हैं तो यह डिप्रेशन को रोकने में 80% तक सहायक होता है। संतुलित आहार मे भी यदि विटामिन
डी की मात्रा अधिक रहे तो बेहतर है।
अच्छी और लम्बी नींद ले
डिप्रेशन बढ़ाने वाले कारकों में से एक नींद भी है। यदि आप पूरी नींद नहीं लेते हैं तो यह डिप्रेशन का कारण बन सकता है। डिप्रेशन से बचने के लिए कुल 6-8 घंटे तक की नींद रोज लें। सोने के दौरान यह ध्यान रखें कि आपका सोने का रूटीन रोज का एक जैसा ही रहना चाहिए। यदि आप किसी दिन जल्दी सोते हैं और किसी दिन देर से तो यह आपकी दो नींदों के बीच में एक अंतर बना सकता है। यह अंतर तनाव ही धीरे धीरे तनाव का कारण बन जाता है।
शराब और नशीले पदार्थो से दूर रहे
शराब और नशीले पदार्थो का सेवन करना आप क लिए शारीरिक और मानसिक दोनों के लिए हानिकारक है । सामान्य जीवन में उनसे जितनी हो सके उतनी दूरी बनाकर रखनी चाहिए, लेकिन यदि आप डिप्रेशन में हैं तो सख्ती से इनकी ओर देखें तक नहीं। ये दोनों ऐसी वस्तुएं हैं जो आपको मानसिक तौर पर कमजोर कर देती हैं एवं इनका सीधा असर मस्तिष्क पर होता है। यह आपकी तंत्रिका को कमजोर कर देती हैं और आपके मस्तिष्क को कुछ देर के लिए निष्क्रिय कर देती हैं। डिप्रेशन जैसी हालत में, जब आप पहले ही मानसिक तौर पर जूझ रहें हैं, ऐसे में शराब और नशीले पदार्थ लेना आपको बहुत बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।
खुद को मोटीवेट करे
जितना आप खुद को मोटीवेट करेंगे आप उतना ही अपने आप को डिप्रेशन से बचा सकते है। अगर आप अपने आप को यह विश्वाश दिलाएंगे की आप आगे कुछ अच्छा कर सकते है और आने वाले समय में सफल हो जायेंगे तो यह सकरात्मक विचार आप को डिप्रेशन से निकलने में मद्द करेगी।
अपने विश्वसनीय लोगों से बात करें।
डिप्रेशन के दौरान बात करने से डिप्रेशन से बचा जा सकता है। यदि आप डिप्रेशन से जूझ रहे हैं तो कोशिश किजिए की अधिक से अधिक आप अपने विश्वसनीय लोगों के साथ समय बिता सकें ऐसा करने से आप अपनी समस्याएं साझा करने मे सफल हो जाएंगे, और उसके बाद आप मानसिक
तौर पर काफी ज्यादा हल्के महसूस करेंगे। डिप्रेशन के दौरान अपने विश्वसनीय लोगों से किसी भी कीमत पर दूर जाना आपके जीवन पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकता है।
अपनी अचीवमेंट याद करे।
दोस्तों कई बार ऐसी परिस्थिति आती है, जब हम बिल्कुल निराश हो जाते हैं और हमें कोई भी रास्ता नज़र नहीं आ रहा होता है। ऐसे में हम खुद को अनुपयोगी और व्यर्थ समझने लग जाते हैं। हम मानसिक तौर पर अपनी छवि एक हारे हुए इंसान के रूप में बना लेते हैं। हिन्दी की एक प्रसिद्ध कहावत है- “मन के हारे, हार है, मन के जीते, जीत”। तो आप को अपने मन को जितने के अपने अचीवमेंट यद करने चाहिए ताकि आप का मनोबल बड़े और आप यह महसूस करे की आप आगे कुछ अच्छा कर सकते है।
पुरानी बातों के बारे में न सोचें
अपनी पुरानी गलतियों का शिकवा करना आपको पूरी तरह से अवसाद के चंगुल में फंसा सकता है. एक तो पुरानी बातें आपके नियंत्रण में नहीं होतीं. फिर उस बारे में सोच-सोचकर क्या फ़ायदा? आप बेवजह अपने दिलोदिमाग पर गिल्ट का बोझ बढ़ाते हैं. पुरानी बातों के बारे में सोचने के बजाय आज पर फ़ोकस करें , नए सिरे से शुरुआत करे।
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